आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ। आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ।
गाँव में नई दीवारें गाँव में नई दीवारें
मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से हो । मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से...
समझ समझ की बात है, क्या समझूं क्या न समझूं। समझ समझ की बात है, क्या समझूं क्या न समझूं।
किसी भी बेटी के लिए सबसे कठिन समय विदाई का होता है, जब वह अपने पिता को अलविदा कहती है। यह कविता मैंन... किसी भी बेटी के लिए सबसे कठिन समय विदाई का होता है, जब वह अपने पिता को अलविदा कह...
खुद कुछ खाए बिना भी मुझे दूध पिलाया था ! खुद कुछ खाए बिना भी मुझे दूध पिलाया था !